पिछले नौ वर्षों में भारत एक बिजली अधिशेष देश और बिजली का शुद्ध निर्यातक बन गया है। देश में ऊर्जा की कमी 2014 में 4.2 प्रतिशत से घटकर अब लगभग 0.2 प्रतिशत हो गई है। यह बात केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने आज नई दिल्ली में पिछले नौ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र की उपलब्धियों पर मीडिया को संबोधित करते हुए कही। श्री सिंह ने बताया कि देश में सभी गांवों और घरों का विद्युतीकरण कर दिया गया है और 2.86 करोड़ घरों को बिजली से जोड़ा गया है।
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मंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपूर्ति के औसत घंटे 2014 में 12.5 से बढ़कर अब 20.53 हो गए हैं, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 23.78 घंटे है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसके परिणामस्वरूप गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता अब 43 प्रतिशत तक बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 1,000 मेगावाट घंटे की बैटरी भंडारण परियोजना सौंपी है जो दुनिया में सबसे बड़ी में से एक है।
उन्होंने पिछले नौ वर्षों के दौरान मंत्रालय द्वारा उठाए गए प्रमुख सुधारों के बारे में भी बात की, जिसमें उपभोक्ता सशक्तीकरण के लिए बिजली (उपभोक्ताओं का अधिकार) नियम, वितरण को मजबूत करने के लिए वितरण क्षेत्र की नई योजना, वास्तविक समय बाजार, क्षेत्र की व्यवहार्यता में सुधार के लिए देर से भुगतान अधिभार नियम और शामिल हैं। व्यवसाय करने में आसानी के लिए सामान्य नेटवर्क एक्सेस व्यवस्था। उन्होंने कहा कि सरकार के पास 2030 तक 500 गीगावॉट से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को एकीकृत करने की महत्वाकांक्षी योजना भी है।